Dated: June 2025
28 मई 2025, को पाली, राजस्थान की धरती पर, जैन आचार्य पुंडरिकरत्नसूरीश्वरजी महाराज को छीन लिया, जो तथ्य सामने हैं, वे किसी दुर्घटना की ओर नहीं, बल्कि एक क्रूर, सुनियोजित प्रायोजित
हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। प.पू. श्री जम्बू विजयजी म.सा. की भी बिहार में हत्या हुई थी।

पूज्य श्री कच्चे रास्ते से विहार कर रहे थे। एक ट्रक पक्की सड़क से उतरकर कच्चे रास्ते पर आया।
उसने बेरहमी से टक्कर मारी और फिर फरार हो गया। हत्यारे ने जानबूझकर रास्ता बदला, यह दुर्घटना नहीं है।
यह एक सुनियोजित, हिंसक और क्रूर षड्यंत्र है। विहार में साथ चल रहे संत इस घटना के साक्षी हैं।
यह कोई पहली घटना नहीं है, कई ऐसी घटनाएँ हुईं। देश के विभिन्न हिस्सों में यह सिलसिला देखने को मिला।
विशेष रूप से जैन संतों को निशाना बनाया गया है। तेज रफ्तार वाहन टक्कर मारकर फरार हो जाते हैं।
यह घृणित घटनाएं साधु-संतों को डराने का प्रयास हैं। कुछ संगठन लंबे समय से जैन धर्म के विरोधी हैं।
वे भड़काऊ और आपत्तिजनक सामग्री फैला रहे हैं। हत्या जैसी घटनाओं के लिए उकसाने का कार्य हो रहा है।
ऐसे संगठनों की गहन जांच आवश्यक है। घटना पर BNS धारा 101 के तहत FIR दर्ज हो।
साथ ही BNS धारा 106(2) को भी लागू किया जाए। धारा 61(2) सहित अन्य धाराएँ जोड़ी जाएं। विहाररत अन्य संतों को तुरंत सुरक्षा दी जाए।
सभी राष्ट्रविरोधी तत्वों की जांच अनिवार्य हो।उनके भाषण, लेख, वीडियो पर प्रतिबंध लगाया जाए।
सभी षड्यंत्रकारियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाए। यह हत्या नहीं, गहरी साजिश का हिस्सा प्रतीत होती है।
अपराधियों को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए। जैन समाज निस्वार्थ सेवा और परोपकार में अग्रणी रहा है।
भारत सरकार व राजस्थान सरकार तुरंत कड़ी कार्रवाई करें।