राष्ट्रपति द्वारा मीनाक्षी जैन को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया

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मीनाक्षी जैन – इतिहास की पुनर्परिभाषा करने वाली विदुषी

Meenakshi Jain Rajya Sabha मीनाक्षी जैन एक भारतीय राजनीतिशास्त्री और इतिहासकार हैं, जिन्होंने दिल्ली के गार्गी कॉलेज में इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्य किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

2014 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया था।

2020 में, उन्हें साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्मश्री से सम्मानित किया गया। मीनाक्षी जैन, टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व संपादक, पत्रकार गिरिलाल जैन की बेटी हैं।

मीनाक्षी जैन एक भारतीय इतिहासकार और राजनीतिशास्त्री हैं, जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में पढ़ाया है।

उन्होंने राजनीति विज्ञान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और भारतीय इतिहास के विश्लेषण में विशेष रुचि रखी।

भारत सरकार ने 2014 में उन्हें भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) का सदस्य नियुक्त किया था।

उनका इतिहास लेखन परंपरागत विमर्श से अलग, तथ्यों और प्रमाणों पर आधारित एक नई दृष्टि प्रस्तुत करता है।

उन्होंने अनेक पुस्तकें लिखीं, जो भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास को एक नई व्याख्या प्रदान करती हैं।

Rama and Ayodhya, The Battle for Rama और Sati जैसी कृतियाँ उनके प्रमुख शोध कार्यों में शामिल हैं।

इन पुस्तकों में मंदिरों, सांस्कृतिक पहचान और औपनिवेशिक प्रभावों पर ऐतिहासिक दृष्टिकोण से विश्लेषण किया गया है।

2020 में मीनाक्षी जैन को साहित्य और शिक्षा में योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

उनकी लेखनी में भारतीय परंपरा, संस्कृति और ऐतिहासिक सत्य की पुनर्पुष्टि का भाव स्पष्ट रूप से दिखता है।

वह प्रसिद्ध पत्रकार और टाइम्स ऑफ इंडिया के पूर्व संपादक गिरिलाल जैन की सुपुत्री हैं।

पिता की वैचारिक धारा और स्वतंत्र चिंतन की प्रेरणा उन्हें बचपन से ही प्राप्त हुई थी।

2025 में उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया गया, जिससे उनके विचारों को राष्ट्रीय मंच मिला।

राज्यसभा में उनका चयन भारतीय संस्कृति व इतिहास के प्रति प्रतिबद्धता की राष्ट्र स्तर पर स्वीकार्यता को दर्शाता है।

उनकी सोच और लेखन देश की युवा पीढ़ी को भारत के गौरवशाली अतीत से जोड़ने का माध्यम बन रहा है।

वे आज उन गिने-चुने इतिहासकारों में हैं, जिनकी लेखनी सच्चाई और संस्कृति को एक साथ प्रस्तुत करती है।

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